चालीसा

शनि देव की छवि, जिसमें वे कौवे पर विराजमान हैं और धनुष व बाण धारण किए हुए हैं, जो हिंदू धर्म में न्याय और अनुशासन का प्रतीक है। इस छवि में तारों और मंडला पैटर्न के साथ एक दिव्य पृष्ठभूमि है, जो शनि चालीसा (Shri Shani Chalisa) और जय गणेश गिरिजा सुअन, मंगल करन कृपाल जैसे श्लोकों को दर्शाती है।

श्री शनि चालीसा – जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।

शनि चालीसा (Shani Chalisa) भगवान शनि को समर्पित एक भजन है, जो न्याय और कर्म के देवता माने जाते हैं। शनि चालीसा की रचना राम सुन्दर दास प्रभु ने की है। माना जाता है कि यह चालीसा शनि दोष और जीवन की बाधाओं को दूर करने में सहायक है। श्रद्धा के साथ इसका पाठ करने […]

तारों भरे आसमान के नीचे बांसुरी बजाते भगवान कृष्ण की चित्रात्मक छवि, जिसमें कृष्ण चालीसा (Krishna chalisa) लिखा हुआ है। श्लोक उनके सौंदर्य का वर्णन करता है: 'बंसी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुणाधरजनु बिंबफल, नयनकमलाभिराम।

श्री कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa)

कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) में भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य गुणों, उनकी लीलाओं और उपदेशों का गुणगान किया गया है। कृष्ण चालीसा का पाठ करने से शांति, समृद्धि और भक्ति की प्राप्ति होती है तथा भक्त भगवान कृष्ण की दिव्य ऊर्जा से जुड़ते हैं। कृष्ण चालीसा (Krishna chalisa) दोहा बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन

पारंपरिक परिधान में राधा रानी का चित्रण, जिसमें राधा चालीसा (Radha Chalisa) का श्लोक 'जय वृषभानु कुंवारी श्री श्यामा, कीरति नंदिनी शोभा धाम' दर्शाया गया है।

श्री राधा चालीसा – जय वृषभानु कुंवरि श्री श्यामा

श्री राधा चालीसा (Radha Chalisa) में 40 छंद शामिल हैं जो श्री राधा रानी को समर्पित है। इसमें राधा रानी की सुंदरता, गुणों और श्रीकृष्ण के प्रति उनके निःस्वार्थ प्रेम का गुणगान किया गया है। राधा चालीसा का पाठ करने से आंतरिक शांति, सुख और प्रेम व सामंजस्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। राधा चालीसा

विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa) जिसमें भगवान विष्णु शंख, चक्र और गदा धारण किए हुए हैं, और भक्त पूजा अर्पित कर रहे हैं। चित्र में सुंदर आभूषण और जीवंत रंगों का प्रदर्शन किया गया है।

श्री विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa): नमो विष्णु भगवान खरारी।

एकादशी पर भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करना असीम पुण्य प्रदान करता है। श्री विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa) का पाठ एकादशी पर अत्यन्त लाभप्रद और शुभ फलदायी माना गया है। यह चालीसा भगवान विष्णु को अत्यन्त प्रिय है और इसे श्रद्धापूर्वक पढ़ने से भक्तों पर

श्री तुलसी चालीसा (Tulsi chalisa) छवि में एक पवित्र तुलसी का पौधा सजावटी गोल फ्रेम में दिखाया गया है, जहां दो लोग दीपक लेकर पूजा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

श्री तुलसी चालीसा – नमो नमो तुलसी महारानी

तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa) माता तुलसी को समर्पित एक अद्भुत और पवित्र ग्रंथ है। इस दिव्य चालीसा के नियमित पाठ से न केवल स्त्रियाँ सौभाग्यवती होती हैं, बल्कि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि माता तुलसी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) छवि जिसमें भगवान राम की धनुष और बाण के साथ आकृति है, चारों ओर जटिल मंडला डिज़ाइन और लटकती हुई घंटियाँ हैं।

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa): श्री रघुवीर भक्त हितकारी

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) भगवान श्री राम को समर्पित एक दिव्य स्तुति है, जो उनके अद्भुत चरित्र और महिमा का वर्णन करती है। इसका श्रद्धा और भक्ति भाव से पाठ करने वाले व्यक्ति के हृदय में ज्ञान का प्रकाश हो जाता है जिससे वह मोक्ष पद का अधिकारी बनकर जीवन के परम लक्ष्य

भगवान गणेश की प्रतिमा आशीर्वाद मुद्रा में चांदी के मुकुट, बैंगनी शॉल और नारंगी वस्त्र पहने हुए बैठे हैं। है। हरे रंग की पृष्ठभूमि पर सजावटी मांडला डिज़ाइन है, और मूर्ति के ऊपर सफेद अक्षरों में 'गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa): जय गणपति सद्गुण सदन' लिखा है।

श्री गणेश चालीसा – जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल

श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) के रचयिता राम सुन्दर प्रभु दास हैं, जिन्होंने 40 छंदों में भगवान गणेश की प्रार्थना की है। भक्तजन इस चालीसा का दैनिक पाठ करते हैं, क्योंकि मान्यता है कि इससे भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं। रचयिता राम सुन्दर प्रभु दास भाषा अवधी श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) दोहा जय

Goddess Durga is seated on a lion, adorned in golden attire and holding divine weapons. The background features golden lighting and floral decorations, with Durga Chalisa in english written in white letters below.

दुर्गा चालीसा (Shri Durga Chalisa)

दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) हिंदू धर्म का अत्यन्त पूजनीय चालीसा है, जो माँ दुर्गा को समर्पित है। माँ दुर्गा शक्ति, संरक्षण और दिव्य ऊर्जा की प्रतीक हैं। इस चालीसा में माँ की परब्रह्म परमात्मा के स्वरूप में उपासना की जाती है। इसमें 40 छंद हैं, इसलिए इसे चालीसा कहा जाता है। दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)

भगवान शिव ध्यान मुद्रा में संगमरमर की मूर्ति के रूप में विराजमान हैं। पीछे 'ॐ' प्रतीक और बादलों वाली पृष्ठभूमि के साथ गहरे ब्राउन अक्षरों में शिव चालीसा (Shiv Chalisa) लिखा है।

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

शिव चालीसा (Shiv Chalisa) की रचना संत अयोध्यादास ने की थी। रचयिता संत अयोध्यादास भाषा हिन्दी शिव चालीसा (Shiv Chalisa Lyrics in hindi) दोहा श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग

भगवान हनुमान की एक चित्रण, जिसमें वे आशीर्वाद मुद्रा में गदा धारण किए हुए हैं, जो भक्ति और शक्ति का प्रतीक है। इसे एक सुनहरे सजावटी पृष्ठभूमि पर सेट किया गया है, जिसमें गहरे भूरे रंग में हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) लिखा हुआ है।

हनुमान चालीसा – जय हनुमान ज्ञान गुन सागर

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान जी को समर्पित है। इसमें उनके बल, पराक्रम व गुणों का वर्णन 40 चौपाइयों में किया गया है। हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। यह उनके द्वारा भगवान हनुमान जी की स्तुति है। तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना १६वी शताब्दी में अवधी भाषा में की। रामचरितमानस के