भक्ति

पारंपरिक परिधान में राधा रानी का चित्रण, जिसमें राधा चालीसा (Radha Chalisa) का श्लोक 'जय वृषभानु कुंवारी श्री श्यामा, कीरति नंदिनी शोभा धाम' दर्शाया गया है।

श्री राधा चालीसा – जय वृषभानु कुंवरि श्री श्यामा

श्री राधा चालीसा (Radha Chalisa) में 40 छंद शामिल हैं जो श्री राधा रानी को समर्पित है। इसमें राधा रानी की सुंदरता, गुणों और श्रीकृष्ण के प्रति उनके निःस्वार्थ प्रेम का गुणगान किया गया है। राधा चालीसा का पाठ करने से आंतरिक शांति, सुख और प्रेम व सामंजस्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। राधा चालीसा […]

श्री कृष्ण आरती (Aarti Shri Krishna Kanhaiya ki) जिसमें भगवान श्री कृष्ण बांसुरी बजाते हुए चंद्रमा की रोशनी के नीचे दिखाई दे रहे हैं। नीले आकाश और पुष्प डिजाइन के साथ श्री कृष्ण की दिव्य आभा को दर्शाया गया है।

आरती श्री कृष्ण कन्हैया की (Aarti Shri Krishna Kanhaiya ki)

श्री कृष्ण कन्हैया आरती को विशेषकर जन्माष्टमी पर भक्त गाते हैं। श्री कृष्ण कन्हैया की आरती (Aarti Shri Krishna Kanhaiya ki) Aarti krishna kanhaiya ki lyrics मथुरा कारागृह अवतारी, गोकुल जसुदा गोद विहारी।नन्दलाल नटवर गिरधारी, वासुदेव हलधर भैया की॥ आरती श्री कृष्ण … मोर मुकुट पीताम्बर छाजै, कटि काछनि, कर मुरलि विराजै।पूर्ण सरक ससि मुख

विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa) जिसमें भगवान विष्णु शंख, चक्र और गदा धारण किए हुए हैं, और भक्त पूजा अर्पित कर रहे हैं। चित्र में सुंदर आभूषण और जीवंत रंगों का प्रदर्शन किया गया है।

श्री विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa): नमो विष्णु भगवान खरारी।

एकादशी पर भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करना असीम पुण्य प्रदान करता है। श्री विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa) का पाठ एकादशी पर अत्यन्त लाभप्रद और शुभ फलदायी माना गया है। यह चालीसा भगवान विष्णु को अत्यन्त प्रिय है और इसे श्रद्धापूर्वक पढ़ने से भक्तों पर

देवी दुर्गा के त्रिशूल और आंख का कलात्मक चित्रण, हरे-नीले पृष्ठभूमि पर, जिसमें दुर्गा चालीसा के लाभ (Durga Chalisa Benefits in Hindi) चमकते हुए अक्षरों में लिखा हुआ है।

दुर्गा चालीसा पढ़ने के लाभ

दुर्गा चालीसा का पाठ करने के अनेक आध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक लाभ हैं। यह न केवल भक्त को माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में सहायता करता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार भी करता है। इसके प्रमुख लाभों का वर्णन नीचे किया गया है। दुर्गा चालीसा पढ़ने के

भगवान हनुमान गदा पकड़े हुए दिव्य मुद्रा में बैठे हैं उनके गले में माला सुशोभित है और लाल पृष्ठभूमि पर हनुमान चालीसा अर्थ (Hanuman Chalisa meaning) लिखा हुआ है।

श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित

हनुमान चालीसा के अर्थ को समझने से व्यक्ति को भगवान हनुमान की शक्तियों, गुणों और उनके भगवान राम के प्रति समर्पण का ज्ञान होता है। यह हमें सिखाता है कि साहस, समर्पण और सच्ची भक्ति से हर बाधा को पार किया जा सकता है। श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित (Hanuman chalisa meaning in hindi) दोहा

श्री तुलसी चालीसा (Tulsi chalisa) छवि में एक पवित्र तुलसी का पौधा सजावटी गोल फ्रेम में दिखाया गया है, जहां दो लोग दीपक लेकर पूजा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

श्री तुलसी चालीसा – नमो नमो तुलसी महारानी

तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa) माता तुलसी को समर्पित एक अद्भुत और पवित्र ग्रंथ है। इस दिव्य चालीसा के नियमित पाठ से न केवल स्त्रियाँ सौभाग्यवती होती हैं, बल्कि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि माता तुलसी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह

भगवान गणेश की मूर्ति के नीचे सुखकर्ता दुखहर्ता (Sukhkarta Dukhharta) लिखा हुआ है और छवि पर दीपक और गेंदे के फूलों की पारंपरिक सजावट है।

सुखकर्ता दुखहर्ता गणपति आरती

सुखकर्ता दुखहर्ता आरती (Sukhkarta Dukhharta Aarti) की रचना समर्थ रामदास ने 17वीं शताब्दी में मराठी भाषा में की, जो उस समय पर जन भाषा थी। आज के समय पर यह एक लोकप्रिय मराठी आरती है। इस आरती को भक्तजन गणेश चतुर्थी के अवसर पर गाते हैं। विशेषकर भगवान गणपति की मूर्ति स्थापना और विसर्जन के

भगवान हनुमान लहरी (Hanuman Lahari) नृत्य मुद्रा में पारंपरिक पोशाक से सुशोभित हैं, जो उनकी दिव्य शक्ति और भक्ति को दर्शाता है। पृष्ठभूमि में गेंदे के फूलों की मालाएँ हैं।

हनुमान लहरी (Hanuman Lahari Lyrics)

हनुमान लहरी में हनुमान जी की पूरी जीवन गाथा का संक्षिप्त में विवरण है। इसके माध्यम से भक्त हनुमान जी से अपने कष्टों को दूर करने की विनती करते हैं, ताकि उनकी कृपा से हमारी कठिनाइयाँ दूर हो सकें और जीवन में सुख-शांति का आगमन हो सके। हनुमान लहरी (Hanuman Lahari Lyrics) दोहा गुरुपदपंकज धारि

भगवान गणेश मोदक और परशु धारण किए हुए पारंपरिक आभूषणों से सुसज्जित हैं और लाल फूलों के सुंदर पैटर्न से घिरे हुए हैं, जो शेंदूर लाल चढ़ायो (Shendur Lal Chadhayo Lyrics) के उत्सव को दर्शाता है।

शेंदुर लाल चढ़ायो (Shendur Lal Chadhayo Lyrics)

शेंदुर लाल चढ़ायो (Shendur Laal Chadhayo) आरती की रचना मोरया गोसावी ने मराठी भाषा में की थी। मोरया गोसावी भगवान गणेश के भक्त थे जिनके प्राण भगवान गणेश में विलीन हो गये थे। भगवान गणेश को समर्पित यह आरती विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और अन्य गणेश-संबंधी त्योहारों के दौरान भक्तों द्वारा गाई जाती है।

भगवान श्री राम का तीर चलाते हुए चित्रण, श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) को दर्शाते हुए जीवंत बैंगनी पृष्ठभूमि और सुंदर डिज़ाइन के साथ।

श्री राम स्तुति – श्रीराम चन्द्र कृपालु भजुमन

श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) – श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। भगवान राम की यह स्तुति उनकी विनय पत्रिका नामक कृति से ली गयी है। तुलसीदास जी ने यह स्तुति 16वीं शताब्दी में संस्कृत और अवधी भाषाओं के मिश्रण में लिखी था। यह प्रार्थना या स्तोत्र भगवान राम की

भगवान हनुमान की ध्यानमग्न एवं आशीर्वाद मुद्रा में बैठे हुए छवि, गदा धारण किए हुए, दीयों और सजावटी पुष्प मालाओं से घिरी हुई, नीचे हनुमान साठिका (Hanuman Sathika) लिखा हुआ।

हनुमान साठिका (Hanuman Sathika) – जय जय जय हनुमान अडंगी

हनुमान साठिका की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। प्रतिदिन हनुमान साठिका के पाठ से पाठक संकटमुक्त होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंगलवार का पाठ तो विशेष सिद्धिप्रद है। रचयिता तुलसीदास भाषा अवधी हनुमान साठिका (Hanuman Sathika Path) चौपाई जय जय जय हनुमान अडंगी।महाबीर विक्रमबजरंगी॥१॥ जय कपीश जय पवनकुमारा।जय जगबन्दन शील

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) छवि जिसमें भगवान राम की धनुष और बाण के साथ आकृति है, चारों ओर जटिल मंडला डिज़ाइन और लटकती हुई घंटियाँ हैं।

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa): श्री रघुवीर भक्त हितकारी

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) भगवान श्री राम को समर्पित एक दिव्य स्तुति है, जो उनके अद्भुत चरित्र और महिमा का वर्णन करती है। इसका श्रद्धा और भक्ति भाव से पाठ करने वाले व्यक्ति के हृदय में ज्ञान का प्रकाश हो जाता है जिससे वह मोक्ष पद का अधिकारी बनकर जीवन के परम लक्ष्य

संकटमोचन हनुमानाष्टक (sankat mochan hanuman ashtak) छवि जिसमें भगवान हनुमान गहनों से सुसज्जित हैं और गदा धारण किए हुए हैं, पृष्ठभूमि में सजावटी लटकते हुए दीपक हैं।

संकट मोचन हनुमानाष्टक – बाल समय रवि भक्षि लियो तब तीनहुँ…

संकट मोचन हनुमानाष्टक (Sankatmochan Hanuman Ashtak) प्रसिद्ध संत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित भगवान हनुमान जी को समर्पित एक शक्तिशाली पाठ है। जीवन में बाधाओं, कठिनाइयों और दुखों को दूर करने के लिए इसका पाठ किया जाता है। “संकटमोचन” शब्द का अर्थ स्वयं संकट को दूर करने वाला है, जबकि “हनुमानष्टक” का तात्पर्य उन आठ छंदों

हनुमान आरती (Hanuman ji ki aarti) छवि जिसमें भगवान हनुमान की गदा धारण किए हुए भक्तिमय मुद्रा में रंगीन छवि और चारों ओर सजावटी मंडला डिज़ाइन दिख रहे हैं।

हनुमान जी की आरती – आरती कीजै हनुमान लला की

हनुमान जी की आरती के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं, जो अवधी भाषा में लिखी गयी है। इसमें उन्होंने भगवान के गुणों का वर्णन किया है। माना जाता है, जो भी तुलसीदास कृत इस आरती को पढ़ता है उसे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। रचयिता तुलसीदास भाषा अवधी हनुमान जी की आरती (Hanuman

दुर्गा आरती (Durga Aarti) छवि जिसमें मां दुर्गा की आकृति, एक जलता हुआ दीपक और गेंदे के फूलों की माला शामिल है।

माँ दुर्गा आरती – जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

दुर्गा आरती के रचयिता शिवानन्द स्वामी थे। यह आरती अक्सर देवी दुर्गा की पूजा के दौरान गाई जाती है। खासकर नवरात्रि के त्योहार में अम्बे, काली और पार्वती सहित उनके विभिन्न रूपों की पूजा और आरती की जाती है। रचयिता देवीदास भाषा हिंदी माँ दुर्गा आरती (Ma Durga Aarti) जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा

भगवान शिव आशीर्वाद मुद्रा में बाघ की खाल पर शांत भाव के साथ बैठे हैं, उनके पास त्रिशूल है और नंदी (बैल), चंद्रमा और शिवलिंग जैसे प्रतीकात्मक तत्वों से घिरे हुए हैं। पृष्ठभूमि चमकीले पीले रंग की है, और नीचे मोटे अक्षरों में शिव आरती (Shiv ji ki aarti): ॐ जय शिव ओंकारा लिखा हुआ है।

शिव जी की आरती – ॐ जय शिव ओंकारा

शिव जी की आरती: ॐ जय शिव ओंकारा की रचना पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने की थी। यह आरती अक्सर धार्मिक समारोहों, खासकर शाम की प्रार्थना (संध्या आरती) और महाशिवरात्रि जैसे विशेष अवसरों के दौरान गाई जाती है। रचयिता पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी भाषा हिंदी शिव जी की आरती (Shiv ji ki Aarti) ॐ जय शिव ओंकारा,