शेंदुर लाल चढ़ायो (Shendur Laal Chadhayo) आरती की रचना मोरया गोसावी ने मराठी भाषा में की थी। मोरया गोसावी भगवान गणेश के भक्त थे जिनके प्राण भगवान गणेश में विलीन हो गये थे। भगवान गणेश को समर्पित यह आरती विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और अन्य गणेश-संबंधी त्योहारों के दौरान भक्तों द्वारा गाई जाती है।
शेंदुर लाल चढ़ायो (Shendur Lal Chadhayo Lyrics)
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को।
दोन्दिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को।
हाथ लिए गुड लड्डू सांई सुरवर को।
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को॥१॥
जय देव जय देव
जय जय श्री गणराज विद्यासुखदाता।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता॥
जय देव जय देव
अष्टौ सिद्धि दासी संकट को बैरी।
विघ्न विनाशन मंगल मूरत अधिकारी।
कोटी सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी।
गंडस्थल मदमस्तक झूल शशि बहरी॥२॥
जय देव जय देव
जय जय श्री गणराज विद्यासुखदाता।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता॥
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे।
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे।
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे॥३॥
जय देव जय देव
जय जय श्री गणराज विद्यासुखदाता।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता॥
जय देव जय देव
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