हनुमान भक्ति

भगवान बालाजी फूलों की माला और आभूषणों से सुसज्जित, जिसमें बालाजी की आरती लिखा हुआ है और पृष्ठभूमि में सजावटी नारंगी और पीले फूलों की मालाएं हैं।

बालाजी की आरती – ॐ जय हनुमत वीरा

बालाजी की आरती – ॐ जय हनुमत वीरा आरती को गाने से न केवल नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है, बल्कि यह भक्तों के कष्ट हरकर उन्हें आत्मिक शांति, साहस, और हनुमान जी की कृपा का अनुभव कराती है। बालाजी की आरती – ॐ जय हनुमत वीरा ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा।संकट […]

भगवान हनुमान लहरी (Hanuman Lahari) नृत्य मुद्रा में पारंपरिक पोशाक से सुशोभित हैं, जो उनकी दिव्य शक्ति और भक्ति को दर्शाता है। पृष्ठभूमि में गेंदे के फूलों की मालाएँ हैं।

हनुमान लहरी (Hanuman Lahari Lyrics)

हनुमान लहरी में हनुमान जी की पूरी जीवन गाथा का संक्षिप्त में विवरण है। इसके माध्यम से भक्त हनुमान जी से अपने कष्टों को दूर करने की विनती करते हैं, ताकि उनकी कृपा से हमारी कठिनाइयाँ दूर हो सकें और जीवन में सुख-शांति का आगमन हो सके। हनुमान लहरी (Hanuman Lahari Lyrics) दोहा गुरुपदपंकज धारि

भगवान हनुमान की ध्यानमग्न एवं आशीर्वाद मुद्रा में बैठे हुए छवि, गदा धारण किए हुए, दीयों और सजावटी पुष्प मालाओं से घिरी हुई, नीचे हनुमान साठिका (Hanuman Sathika) लिखा हुआ।

हनुमान साठिका (Hanuman Sathika) – जय जय जय हनुमान अडंगी

हनुमान साठिका की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। प्रतिदिन हनुमान साठिका के पाठ से पाठक संकटमुक्त होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंगलवार का पाठ तो विशेष सिद्धिप्रद है। रचयिता तुलसीदास भाषा अवधी हनुमान साठिका (Hanuman Sathika Path) चौपाई जय जय जय हनुमान अडंगी।महाबीर विक्रमबजरंगी॥१॥ जय कपीश जय पवनकुमारा।जय जगबन्दन शील

संकटमोचन हनुमानाष्टक (sankat mochan hanuman ashtak) छवि जिसमें भगवान हनुमान गहनों से सुसज्जित हैं और गदा धारण किए हुए हैं, पृष्ठभूमि में सजावटी लटकते हुए दीपक हैं।

संकट मोचन हनुमानाष्टक – बाल समय रवि भक्षि लियो तब तीनहुँ…

संकट मोचन हनुमानाष्टक (Sankatmochan Hanuman Ashtak) प्रसिद्ध संत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित भगवान हनुमान जी को समर्पित एक शक्तिशाली पाठ है। जीवन में बाधाओं, कठिनाइयों और दुखों को दूर करने के लिए इसका पाठ किया जाता है। “संकटमोचन” शब्द का अर्थ स्वयं संकट को दूर करने वाला है, जबकि “हनुमानष्टक” का तात्पर्य उन आठ छंदों

हनुमान आरती (Hanuman ji ki aarti) छवि जिसमें भगवान हनुमान की गदा धारण किए हुए भक्तिमय मुद्रा में रंगीन छवि और चारों ओर सजावटी मंडला डिज़ाइन दिख रहे हैं।

हनुमान जी की आरती – आरती कीजै हनुमान लला की

हनुमान जी की आरती के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं, जो अवधी भाषा में लिखी गयी है। इसमें उन्होंने भगवान के गुणों का वर्णन किया है। माना जाता है, जो भी तुलसीदास कृत इस आरती को पढ़ता है उसे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। रचयिता तुलसीदास भाषा अवधी हनुमान जी की आरती (Hanuman

भगवान हनुमान शांत मुद्रा में गदा धारण किए हुए और स्वर्ण मुकुट तथा मालाओं से अलंकृत हैं। लाल पृष्ठभूमि पर पारंपरिक डिज़ाइन और दीयों की सजावट के साथ पीले मोटे अक्षरों में हनुमान बाहुक (hanuman bahuk) लिखा हुआ है।

श्री हनुमान बाहुक (Shri Hanuman Bahuk in hindi)

हनुमान बाहुक (Hanuman bahuk) की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने विक्रम संवत् 1664 के लगभग की थी। यह वह समय था जब उनके बाहुओं में वात-व्याधि की भयंकर पीड़ा उत्पन्न हुई थी और फोड़े-फुंसियों के कारण उनके पूरे शरीर में पीड़ा होने लगी। दर्द को कम करने के लिए औषधि, यन्त्र, मन्त्र एवं अनेक टोटके वगैरह

भगवान हनुमान की एक चित्रण, जिसमें वे आशीर्वाद मुद्रा में गदा धारण किए हुए हैं, जो भक्ति और शक्ति का प्रतीक है। इसे एक सुनहरे सजावटी पृष्ठभूमि पर सेट किया गया है, जिसमें गहरे भूरे रंग में हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) लिखा हुआ है।

हनुमान चालीसा – जय हनुमान ज्ञान गुन सागर

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान जी को समर्पित है। इसमें उनके बल, पराक्रम व गुणों का वर्णन 40 चौपाइयों में किया गया है। हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। यह उनके द्वारा भगवान हनुमान जी की स्तुति है। तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना १६वी शताब्दी में अवधी भाषा में की। रामचरितमानस के